Monday, March 15, 2010

मांस नोचने हाथी पर टूट पड़े भूखे लोग

हमारे लिए ये अजीब सी बात है लेकिन जिम्बावबे के गोनारेजाउ नेशनल पार्क में ये उन लोगों के लिए ये भूख से लड़ाई की जद्दोजहद है। जैसे ही जिम्बावबे के जंगल के पास बसे गांव के लोगों को एक हाथी के मारे जाने की खबर मिली ये आरी, तलवार और चाकुएं लेकर उसके पास पहुंच गए। घने जंगल में एक मरे हुए हाथी की खबर मिलते ही वहां धीरे धीरे लोगों का हुजूम लग गया। ये अपने साथ डिब्बे भी लाए थे, ताकी घर लौटते वक्त हाथी का मांस उसमें भरकर ले जा सकें। हाथी के पास लगा हुजूम आपस में लड़ रहा था। अपनी और परिवार की भूख मिटाने के लिए उन्होंने धक्का मुक्की के बीच हाथी की चीर फाड़ शुरू कर दी। केवल एक घंटे 47 मिनट में 13 फिट ऊंचे हाथी को उन्होंने हड्डियों के ढांचे में बदल डाला। हाथी के शरीर का हर भाग उनके खाने के काम आता है, यहां तक की सूंड और कान भी। बाद में 70 साल के बूढ़े हाथी की बची खुची हड्डियां भी ये उबाल कर सूप बनाने के लिए ले गए। जिस जगह इस हाथी का मरा हुआ विशालकाय शरीर पड़ा था, वहां केवल खून का धब्बा बच गया।

इस क्षेत्र में गरीबी और भुखमरी इस कदर कहर बरपा रही है कि लोगों के पास बस जद्दोजहद ही एक उपाय बचा है। रेड क्रॉस सोसायटी के अनुसार देश के कुछ भागों में खाने की अत्यधिक आवश्यकता है। आशंका है कि आने वाले समय में हालात और बदतर हो जाएंगे। बारिश ने मक्का की फसलें नष्ट कर दी हैं, फसल इतनी कम हुई है कि दो वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पा रहे हैं। जब यहां से साइकल गुजर रहे एक व्यक्ति को मरा हुआ हाथी दिखा तो अगले पंद्रह मिनट में वहां सैंकड़ो लोग चाकू लेकर मांस नोचने को इक्टठा हो गए। अब अगली दो रातों तक आसपास के गांवो में जश्न मनाया जाएगा। कुछ मांस ये ताजा बना लेंगे वहीं कुछ को सुखाकर बाद के लिए स्टोर कर लेंगे।

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